पाशबद्धः पशुर्ज्ञेयः
पाशमुक्तो महेश्वरः ।
तस्मात् पाशहरो यस्तु स गुरुः
परमो मतः ॥(कुलार्णवतन्त्रम् 13.91)
ಎಂಟು ವಿಧವಾದ
ಪಾಶಗಳಿಂದ ಬಂಧನಕ್ಕೊಳಗಾಗಿರುವ ಜೀವನೇ ಪಶು. ಯಾವುದೇ ಪಾಶಕ್ಕೆ ಒಳಗಾಗದಿರುವವನೇ ಈಶ್ವರನು.
ಜೀವನನ್ನು ಪಾಶದಿಂದ ಬಿಡುಗಡೆಗೊಳಿಸಬಲ್ಲವನೇ ಗುರು.
आठ प्रकार के
पाशों से (बन्धनों से) बद्ध हुआ हीव ही पशु कहा जाता है । किसी भी बन्धन में न
गिरनेवाला ईश्वर है । जीव को बन्धों से मुक्त करानेवाला ही गुरु है ।
The one who is arrested
by 8 types of snares is called as a Jeeva. Who is free from all types of snares
is called as Ishwara. One who releases us from snares is called as a Guru.
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